Relay कैसे काम करता है

How a Relay work

Relay कैसे काम करता है

रिलेय तो बहुत प्रकार के होते है लेकिन आज मै रेफ्रीजिरेटर , फ्रीज  के  कंप्रेसर को स्टार्ट करने वाले रिलेय के बारे में बताऊंगा यह किस तरह का होता है कैसे काम करता है ये सब  

कंप्रेसर में रिलेय का कार्य कंप्रेसर को स्टार्ट करना होता है 

कंप्रेसर के मोटर को रिलेय की मदद से स्टार्ट किया जाता है  RELAY  एक एलेक्ट्रॉनिक DEVIES  है जो कंप्रेसर को स्टार्ट  करने का कार्य करती है  RELAY तीन प्रकार के होते है –

  • Current Relay
  • Potensial Relay
  • PTC ( Positive temperature Coefficient )

Current Relay – CURRENT RELAY में तीन पॉइंट होते है  L ,M ,S  इसीलिए ऐसे   CURRENT RELAY  भी कहा जाता है पॉइंट L और पॉइंट M  के  बीच  COIL  होता  है

current relay circuit

  COIL  M का  कनेक्शन  कंप्रेसर के रनिंग वाइंडिंग के साथ किया जाता है  व S पॉइंट  का कनेक्शन  कंप्रेसर के स्टार्टिंग वाइंडिंग  के साथ किया जाता है  कंप्रेसर  के कॉमन को न्यूट्रल व   RELAY  के L पॉइंट में सप्लाई दिया जाता है  सप्लाई देने पर कॉमन और रनिंग का सर्किट पूरा होता है  परन्तु  स्टार्टिंग वाइंडिंग का सर्किट पूरा नहीं होता  जिससे  रनिंग वाइंडिंग में जाने वाला करंट  RELAY  के COIL  में जमा हो जाता है  जिससे वहा  चुम्बकीय  तत्व  निर्माण होता है  और अंदर मौजूद FLANGER ऊपर कीओर उठ जाता है  जिससे  कनेक्ट प्लेट  की सहायता से  पॉइंट M और S आपस में जुड़ जाते है   स्टार्टरिंग  वाइंडिंग  का सर्किट पूरा होने से कंप्रेसर स्टार हो  जाता है कंप्रेसर स्टार्ट होने से कएल में मौजूद करंट समाप्त  हो जाता है  और करंट के ख़तम होने से  चुम्बकीय तत्व भी ख़त्म हो जाता है  और FLANGER  निचे की ओर आ जाता है  इस प्रकार  करंट RELAY  स्टार्टिंग  वाइंडिंग का कनेक्शन  जोड़ता व  तोड़ता है |

Current Relay

Potensial Relay इस RELAY  में नंबर 1, 2, 4 व  5 होते है  नंबर 5  व 2 के बीच  COIL  होता है  नंबर  1 व   नंबर  2 के बीच  एक स्विच होता है  

POTENSIAL RELAY CIRCUIT

नंबर 4 का इंटरनल  कोई भी कनेक्शन नहीं होता  इस RELAY  में रनिंग कैपैसिटर व   स्टार्टिंग कैपेसिटर  का उपयोग किया जाता  है  रनिंग कैपेसिटर  को  नंबर 4 व  नंबर  2 के बीच  लगाया जाता है और स्टार्टिंग कैपेसिटर को  नंबर 4 व   नंबर 1 के बीच  लगाया जाता है   RELAY  के  नंबर 5 को नूट्रल व    नंबर  4 को PHASE  दिया जाता है कंप्रेसर के कॉमन  को न्यूट्रल  व  कंप्रेसर के रनिंग को RELAY  के  नंबर 4 से सप्लाई दिया जाता है  सप्लाई देने पर  नंबर  4 से PHASE  स्टार्टिंग कैपेसिटर को व स्टार्टिंग  कैपेसिटर  से  नंबर 1 को व   नंबर 1  से  नंबर 2 से होते हुए  स्टार्टिंग वाइंडिंग का सर्किट पूरा होता है जिससे कंप्रेसर स्टार्ट हो जाता है  RELAY  के  नंबर 5 व  नंबर 2 के बीच   मौजूद COIL  का सर्किट  पूरा होने से वहा चुम्बकीय तत्व का निर्माण होगा और  नंबर 1 और  नंबर 2  के बीच  मौजूद स्विच  उस चुंबक की  ओर  आकर्षित होता है जिससे स्टार्टिंग वाइंडिंग का सर्किट टूट जाता है  इस प्रकार यह RELAY  स्टार्टिंग वाइंडिंग का कनेक्शन को तोड़ता है इस RELAY  को वोल्टेज RELAY  भी कहा जाता है |

Potensial Relay

PTC ( Positive temperature Coefficient ) – इस RELAY  में दो प्लेट होते है जो तापमान के ऊपर कार्य करते है सप्लाई देने पर रनिंग वाइंडिंग  का सर्किट पूरा होता है 

PTC RELAY CIRCUIT

परन्तु स्टार्टिंग वाइंडिंग  का सर्किट  पूरा नहीं हो पाता  इसीलिए  कंप्रेसर स्टार्ट नहीं होता कंप्रेसर के स्टार्ट नहीं होने से  RELAY  में मौजूद  प्लेट का रेजिस्टेंस  बढ़ता है  और वह गर्म हो कर  अपना आकर बदल देता है  आकार के बदलने से  RELAY  के दूसरे प्लेट के संपर्क में आ जाता है इस प्रकार  स्टार्टिंग वाइंडिंग  का सर्किट पूरा हो जाता है  और कंप्रेसर के स्टार्ट होने से प्लेट का रेजिस्टेंस कम हो जाता है और वह अपनी पुरानी स्थिति में आ जाता है  जिससे स्टार्टिंग का कनेक्शन सर्किट  से अलग हो जाता है |

refrigerator compressor ptc relay

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