What is Condenser – कंडेंसर क्या होता है Condenser के प्रकार

Type Of Condenser 

Condenser क्या होता है 

 

हेल्लो दोस्तों अगर आप नहीं पता की कंडेंसर क्या होता है ( what is condenser ) कंडेंसर कितने प्रकार के होते है इसका मख्य काम क्या होता है तो आप बिलकुल सही जगह पे आये है आपने अपने घर में या फिर किसी के यहाँ फ्रीज़ में जाली टाइप तारे देखे होंगे वो भी एक प्रकार  कंडेंसर है | कंडेंसर का काम होता है की कंप्रेसर से आने वाली गर्म गैस को ठंडा  करके तरल रूप ( liquid ) में बदलना और उस लिक्विड को आगे प्रोसेस के लिए भेजना |

कंडेंसर का काम – Condenser Function

जितने भी कूलिंग सिस्टम आते है उसके अंदर के सभी पार्ट में से एक मुख्य भाग है ये भी है जो की हीट को बाहर निकालता है कंडेंसर में हम जो हम सिस्टम गैस डालते है उसको लिक्विड में कन्वर्ट करने का काम यही कंडेंसर करती है

कॉन्डेसर की कैपेसिटी इन  चार चीजों पर निर्भर करता है –

  1. कंडेंसर के आकर मान पर या छेत्रफल पर

  2. कंडेंसर के धातु पर

  3. जिस माधयम का उपयोग कंडेसेशन के लिए किया गया हो

  4. माधयम और कंडेंसर के तापमान के अन्तर पर

कंडेंसर के प्रकार – Type of Condenser

 कंडेंसर के मुख्यता दो प्रकार  के होते है – 

  • Air Cooled Condenser – जिस कंडेंसर को कंडेसेशन  करने के लिए हवा का इस्तेमाल किया जाता है उसे एयर कूल्ड कंडेंसर कहा जाता है|
  • Water Cooled Condenser – जिस कंडेंसर को कंडेसेशन करने के लिए पानी का उपयोग किया जाता है उसे वाटर कूल्ड कंडेंसर कहा जाता है|

इन दो टाइप कंडेंसर के अंदर और  भी अलग अलग प्रकार के कंडेंसर आते है  जैसे की –

Type of condenser chart

एयर कूल्ड कंडेंसर के प्रकार – Type of Air Cooled Condenser

नेचुरल  एयर कूल्ड कंडेंसर  ( nature air ) – इस कंडेंसर का  उपयोग कम कैपेसिटी वाले सिस्टम में किया जाता है यह कंडेसेशन की क्रिया के लिए हवा  उपयोग  है इससे किसी भी तरह का फैन नहीं लगाया जाता है इस कंडेंसर को वायर एंड टूयूब टाइप कंडेंसर भी कहा जाता है इस कडेंसर को वायर एंड टूयब टाइप  कंडेंसर भी कहा जाता है इस कंडेंसर का उपयोग रेफ्रीजरेटर  में किया जाता है  इस कंडेंसर में दो बेसिक  पार्ट होते है  टूयब एंड फिन्स |  फिन्स ट्रांसफर एरिया बढ़ाता  है फिन्स के कारण  एरिया बढ़ता  है जिससे हीट जल्दी बहार निकलता हैकंप्रेसर से निकला हुआ हाई प्रेशर  हाई टेम्परेचर  गैस  कंडेंसर के टूयब में से पास  होता है कंडेंसर के आस पास का टेम्परेचर  कंडेंसर के टेम्परेचर से कम होता है  ये आस पास का बढ़ता है हवा  कंडेंसर टूयुब के संपर्क  में आती है जब (Ambiant temperature ) या  रूम  की हवा  कंडेंसर के संपर्क में आती है  तब  कंडेंसर का टेम्परेचर  रूम के टेम्परेचर  से ज्यादा होने के कारण कंडेंसर अपनी गर्मी रूम की हवा को दे देता है ये जो रूम की हवा है कंडेंसर की गर्मी को ग्रहण कर , गर्मी को ग्रहण  से  जो हवा है उसका टेम्परेचर  बढ़ता है  और टेम्परेचर  बढ़ने से  जो हवा हल्की  है  कंडेंसर कोइल  से  गुजरती है  और कंडेंसर की गर्मी को सोखती है  और ऊपर  निकल जाती है  |

Natural Condenser

फोर्स ड्राप एयर कूल्ड कॉन्डेसर ( force drop air cooled condensar) –  ऐसे कंडेंसर जिसमे फैन के द्वारा हवा मार के कंडेसेशन  की क्रिया करायी जाती है  ऐसे कंडेंसर को फाॅर्स ड्राप एयर  कूल्ड कंडेंसर कहा जाता है ​|
 
FORCE DROP Condenser
What is Condenser
 
 
इन्दुस  ड्राप एयर कूल्ड  कंडेंसर (induce drop air cooled condensar) – ऐसे कंडेंसर जिसमे फैन के द्वारा कंडेंसर से हवा खींच के कंडेसेशन  प्रक्रिया करायी जाती है ऐसे कंडेंसर को इन्दुस ड्रॉप एयर कूल्ड कंडेंसर कहा जाता है |
 

INDUCE DROP Condenser

What is Condenser

वाटर कूल्ड कंडेंसर के प्रकार – Type of Water Cooled Condenser

टूयूब  के अंदर टूयूब टाइप कंडेंसर ( Tube with in Tube Type ) – इस कंडेंसर में एक टूयूब के अंदर दूसरा टूयूब लगा होता है एक टूयूब में पानी व दूसरे टूयूब में हाई टेम्परेचर रेफ्रिजरेंट को भेजा जाता है दोनों को एक दूसरे के विपरीत दिशा में बहाया जाता है  जिससे कंडेसेशन हो कर गैस का रूपान्तरण लिक्विड में हो जाता है  इस कंडेंसर का उपयोग कम TR  की मशीनो  में किया जाता है |

 

शैल एंड कोइल टाइप कंडेंसर ( Shell & Coil Type )एक सिलिट्रिकल  शेल  के coil और sell का  बना होता है और कंडेंसर का मेन  काम है  की गैसीय रेफ्रिजरेंट  को लिक्विड रेफ्रिजरेंट में convert ( बदलता ) करना और कंडेंसर के अंदर जो कूलिंग होती है वो तीन चरणों में है जिसके बारे में हम आपको बताएंगे  water cooled condenser  वो condenser होती  है जिसमे Refrigerant को गैसीय Refrigerant से तरल Refrigerant में convert ( बदलाव )  करना ,इस कंडेंसर में एक बड़ा सा शैल होता है और  अंदर एक कोइल टूयूब लगा होता है और इस  कोइल के अंदर ही कंडेसिंग  मीडिया फ्लो करता है और पूरी शैल के अंदर रेफ्रिजरेंट फ्लो करता है ये जो कंडेंसर है वो vertical  और horizontal दोनों प्रकार के  होते है vartical कंडेंसर में रेफ्रिजरेंट ऊपर से निचे की ओर फ्लो करता  है और कंडेसिंग  मीडिया ( वाटर ) निचे से ऊपर की ओर  फ्लो करता है  कह सकते है की ये  दूसरे के उल्टा काम करता है | इसका उपयोग छोटे यूनिट में किया जाता है जहा हमें कूलिंग कैपेसिटी 10 टन करीब  या 10  टन  से कम हो वहा उपयोग किया जाता है

sell and coil condenser...

इस प्रकार के कंडेंसर के लाभ व हानि भी  है –

  • लाभ :- इसकी बनावट सामान्य होती है इसमें ( High hit transfer coefficient ) उच्च ताप संचार गुणक होती है

  • हानि :- काफी बड़ी होती है इसको क्लीन करने में काफी दिक्कत होती है | इसी  के कारण  इस कंडेंसर का उपयोग ज्यादा नहीं किया जाता है | 

 
शैल एंड टूयूब टाइप कंडेंसर ( Shell & Tube Type ) –  शेल एंड टूयूब टाइप कंडेंसर कुछ इस प्रकार का होता है जिसमे एक साइड से पानी जाता है और एक साइड से पानी  निकलता है उसी प्रकार से रेफ़्रिजेंट ( गैस ) को भी भेजा जाता है और ये गर्म गैस ठंडा  कर लिक्विड फोम में बदल के दूसरी साइड से निकलता है | 
 
shell & tube tibe condensor
shell and tube condenser
 


एवापोरेटिन  टाइप कंडेंसर ( Evaporetin Type ) –
एवापोरेटिव  टाइप कंडेंसर सस्ता ,सिंपल  और इसके अंदर कूलिंग वाटर की ज्यादा सप्लाई की ज्यादा जरुरत ही होती है | 

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