What is Compressor – कंप्रेसर क्या होता है
हेल्लो दोस्तों अगर आप नहीं जानते की Compressor क्या होता है तो आज मै बताऊंगा की कंप्रेसर क्या होता है ये कितने टाइप का होता है इत्यादि… कंप्रेसर नाम से ही पता चलता है की इसमें किसी चीज़ को प्रेस किया जाता है कंप्रेसर का इस्तेमाल अलग अलग फिल्ड में अलग अलग प्रकार के कंप्रेसर मशीन का उपयोग किया जाता है जैसे की गाड़ी में हवा डालने वाला कंप्रेसर , फ्रिज में , कार में , पेंटिंग करने के लिए और भी बहुत से टाइप कंप्रेसर होते है लेकिन आज हम रेफ्रिजरेशन एंड एयर कंडीशनर में यूज़ होने वाले कंप्रेसर के बारे में बात करेंगे
आसान भाषा में जानना है कंप्रेसर क्या है तो ये समझ लो की – कंप्रेसर गैस खींच कर उसमे दबाव बनती है जिससे लो प्रेशर लो टेम्परेचर गैस का रूपांतरण हाई प्रेशर हाई टेम्परेचर गैस में हो जाता है और यह गैस लाइन के द्वारा भेज दिया जाता है |
Types of Compressor – कंप्रेसर के प्रकार
रेसिप्रोकेटिंग कंप्रेसर ( resiprocating compressor) :- इस कंप्रेसर में पिस्टन , सिलेंडर , कनेक्टिंग रॉड , कनेक्टिंग पिन लॉक , शाफ़्ट , वालप्लेट , हेडप्लेट इत्यादि भाग होते है पिस्टन सिलेंडर के अंदर क्रांगशाफ्ट की सहायता से ऊपर निचे होता है जब पिस्टन निचे की ओर आता है तब सिलेंडर के अंदर कम प्रेशर का निर्माण होता है इसलिए वहा लो प्रेशर गैस जमा हो जाता है और जब पिस्टन ऊपर की ओर आता है तब उस गैस के ऊपर दबाव का निर्माण होता है और वह गैस हाई प्रेशर में रूपांतरित हो कर डिस्चार्ज लाइन में चला जाता है यह कंप्रेसर सबसे पुराना व सबसे लोग प्रिय कंप्रेसर है इस कंप्रेसर की कैपेसिटी 100 TR हो सकता है |
रोटरी कंप्रेसर ( rotry compressor):- इस कंप्रेसर में सक्शन पोर्ट , डिस्चार्ज पोर्ट ,रोटर , सिलेंडर , स्टैनरी ब्लेड ,टेंशन ब्लेड , इतयादि भाग है सिलेंडर के अंदर रोटर ,सिलेंडर को घसते हुये घूमता है सक्शन पोर्ट से जो लो प्रेशर गैस सिलेंडर में आता है रोटर इस गैस को कंप्रेस करके हाई प्रेसर में रूपांतरित करके डिस्चार्ज लाइन में भेज देता है स्टेसनरी ब्लेड यह हाई प्रेशर व लो प्रेशर गैस को मिक्स होने नही देता इस कंप्रेसर में हाई स्पीड मोटर का इस्तेमाल किया जाता है इस कंप्रेसर में पॉजिटिव डिस्प्लेसमेंट मिलता है इसलिए इसका उपयोग वैक्यूम पंप में किया जाता है |
स्क्रॉल कंप्रेसर (scroll compressor):– इस कंप्रेसर में दो स्क्रॉल होते है स्थिर स्क्रॉल और ऑर्बिटल स्क्रॉल होते है , ऑर्बिटल स्क्रॉल स्थिर स्क्रॉल के अंदर घुमता है जिससे लो प्रेशर गैस कंप्रेस हो कर हाई प्रेशर में रूपांतरित होता है |
स्क्रू कंप्रेसर (screw compressor):- इस कंप्रेसर में एक ही हॉउसीन में दो स्क्रू के आकर के रोटर होते है एक मेल स्क्रू व दूसरा फीमेल स्क्रू दोनों ही एक दूसरे के काफी करीब लगा होता है एक स्क्रू में मोटर फ़ीट होता है जब स्क्रू घूमता है तब अपने साथ दूसरे स्क्रू को भी घूमाता इन दोनों स्क्रू के बीच लो प्रेशर गैस कंप्रेस हो कर हाई प्रेशर गैस में रूपांतरित होता हैकंप्रेसर की कैपेसिटी 150 TR तक हो सकती है |
सेंट्रीफूगल कंप्रेसर ( centrifugle compressor):- इस कंप्रेसर की कैपेसिटी बहुत अधिक होती है यह कंप्रेसर सेंट्रीफूगल फोर्स के ऊपर कार्य करती है इस कंप्रेसर में एम्प्लेलर होता है जो मोटर के शाफ़्ट के साथ एक हॉउसीन में फ़ीट होता है मोटर के घूमने से एम्प्लेलर लो प्रेशर गैस को काफी तेजी से बाहर की ओर फेकतीहै जिससे लो प्रेशर गैस का रूपांतरण हाई प्रेशर गैस में हो जाता है इस कंप्रेसर की कैपेसिटी 1000 TR तक हो सकती है |
FAQ
कंप्रेसर कितने प्रकार के होते हैं?
कंप्रेसर कई प्रकार के होते हैं, यहां कुछ मुख्य कंप्रेसर के प्रकार हैं:
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पिस्टन कंप्रेसर (Piston Compressor)
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रोटरी कंप्रेसर (Rotary Compressor)
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स्क्रू कंप्रेसर (Screw Compressor)
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सेंट्रीफ्यूगल कंप्रेसर (Centrifugal Compressor)
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एक्सिलेरेटिंग कंप्रेसर (Axial Compressor)
ये केवल कुछ प्रमुख कंप्रेसर के प्रकार हैं |
कंप्रेसर का क्या काम होता है?
कंप्रेसर एक मशीन है जो हवा, गैस या लिक्विड को दबाव में बदलने का काम करता है। इसका मुख्य काम वायु या अन्य गैस को कंप्रेस ( दबाव ) करना होता है, जिससे उसका प्रेसर बढ़ जाता है और इसके द्वारा इस हवा या गैस को हाई प्रेसर में इस्तेमाल लिया जाता है |
कंप्रेसर को कहा लगाया जाता है ?
रेफ्रिजरेशन और एयर कंडीशनर में Compressor को Evaporetor के बाद और Condenser के पहले लगाया जाता है
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