What is Earthing- अर्थिंग क्या होता है इसको क्यो लगाना चाहिए

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अर्थिंग क्या होता है – What is Earthing

अर्थिंग ( Earthing ):-जमीन से 2.5 से  3 मीटर गहराई पर जब कोई धातुविक छड़ ( मेटैलिक छड़ ) और प्लेट गड़ाया जाता है और उस छड़ और प्लेट से तार जोड़ कर इलेक्ट्रिकल मशीनो के धातुविक भाग को जोड़ दिया जाता है यह पूरी प्रक्रिया अर्थिंग कहलाता है | 

जिस जगह पर धातुविक  छड़ या  प्लेट गड़ाया जाता है | उसे अर्थिंग कहा जाता है |

अर्थिंग क्यों लगाया जाता है

Earthing को मानवीय जीवन और मशीन को सुरक्षित रखने के लिए अर्थिंग लगाया  जाता है अगर लीकेज करंट होता है तो वो अर्थिंग के द्वारा करंट ज़मीन में चला जाता है जिससे कोई भी इलेक्ट्रॉनिक मशीन ख़राब नहीं होता है और न ही किसी इंसान हो इलेक्ट्रिक शॉक लगता है |

 प्लेट अर्थिंग – Earthing Plate

प्लेट अर्थिंग ऐसी जगहो पर किया जाता है जहा नमी  आसानी से प्राप्त होती है इस प्रकार के अर्थिंग  फ़ीट की गहराई कम से कम 2.5 मीटर  से  3 मीटर रखी जाती है  इस अर्थिंग में अर्थ इलेक्ट्रोड के रूप में GI प्लेट या कॉपर प्लेट का इस्तेमाल किया जाता है | 

प्लेट अर्थिंग में उपयोग होने वाली साम्रग्री –

1. earth इलेक्ट्रोड  – कॉपर प्लेट और GI प्लेट

कॉपर प्लेट का साइज – 60cm  x 60cm x 3.18mm

GI प्लेट का साइज – 90cm x 90cm x 8.13mm

2. earth वायर – अर्थ कॉपर या  GI  का हो सकता है 

इसका गेज  SWG = Stander Wire Gauge

3. earth GI पाइप –  earth GI पाइप  earth फिट से  earth वायर को सुरक्षित निकालने के लिए किया जाता है इसका साइज 12.5 mm  होना चाहिए | 

4. Main GI पाइप  – यह पाइप earthing  फिट पर पानी पहुंचाने के लिए लगाया जाता है, इसका व्यास 19 mm होना चाहिए | 

5. नमक , चारकोल  अर्थिंग फिट में नमी को बरकरार रखने के लिए डाला जाता है | 

 6. नट बोल्ट  – earth वायर earth इलेक्ट्रोड से जोड़ने के लिए नट बोल्ट  लगाना आवश्यक होती है यदि  इलेक्ट्रोड  और वायर कॉपर के है तो नट बोल्ट भी कॉपर का होना चाहिए और GI  का होगा तो बोल्ट GI का होना चाहिए | 

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