ऊष्मा क्या है – What is Heat
उष्मा ऊर्जा का एक रूप है, कार्य करने की छमता को ऊर्जा कहा जाता है ऊर्जा को नस्ट नहीं किया जा सकता परन्तु उसे एक रूप से दूसरे रूप में रूपांतरित किया जा सकता है उष्मा हमेशा अधिक से कम की ओर जाता है।
ऊष्मा के प्रकार – TYPE OF HEAT
तो अब जान लो की ऊष्मा कितने प्रकार के होते है कौन कौन से आप अभी समझ जाएंगे इसके साथ ही हम आपको आसान उद्धारण भी देंगे जिसके आपको अच्छे से समझ आये –
ऊष्मा तीन प्रकार के होते है –
- प्रकट उष्मा ,चेतक उष्मा ( Sensible Heat )
- गुप्त उष्मा ( Latent Heat )
- विशिस्ट उष्मा ( Specific Heat )
प्रकट उष्मा :- किसी वस्तु को उष्मा देने या उसमे से उष्मा निकालने पर उस वस्तू के तापमान में बदलाव है परन्तु उसके भौतिक अवस्था में नहीं होता है उस उष्मा को प्रकट उष्मा कहते है ।
उदाहरण :- लोहे की रॉड को उष्मा देने पर वह गर्म हो जाता है परन्तु उसकी अवस्था में कोई बदलाव नही होता।
गुप्त उष्मा :- किसी वस्तु को उष्मा देने या उसमे से उष्मा निकालने पर उस वस्तू के भौतिक अवस्था में बदलाव होता है परन्तु तापमान में बदलाव नहीं होता है ऐसे उष्मा को गुप्त उसमे कहा जाता है ।
उदाहरण :- पानी का बर्फ बनना या बर्फ का पानी में रूपांतरण होना ।
विशिस्ट उष्मा :- एक ग्राम धातु के टुकड़े को एक डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ाने के लिए जो उष्मा दिया जाता है उस उष्मा को उस धातु का विशिस्ट उष्मा कहा जाता है ।
ऊष्मा परिवर्तन के नियम – Laws of Heat Change
अब ऊष्मा परिवर्तन के नियम जान लो की ऊष्मा किस सिद्धांत पे कार्य करती है ऊष्मा ये तीन नियम में काम करती है –
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संचालन विधि
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संवहन विधि
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विकिरण विधि
इसी तीनो सिद्धांत पे ही Refrigeration Cycle काम करता है
संचालन विधि :- किसी ठोस धातु को उष्मा देने पर उष्मा के समीप का अणु उष्मा को अवशोषित करके अपने समीप के दूसरे अणु को दे देता है वह दूसरा तीसरे को इस प्रकार उष्मा एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक पहुंच जाता है इस विधि को संचालन विधि कहा है ।
उदहारण :- लोहे की छड़ को एक सिरे से गर्म करने पर दूसरा सिरा भी जाता है ।
संवहन विधि :- द्रव्य अथवा गैस को उष्मा देने पर उष्मा के समीप के अणु उष्मा अवशोषित करके गर्म हो जाती है और गर्म अणु ठन्डे अणु की अपेक्छा हल्के होने से ऊपर की ओर उठ जाती है और ऊपर के ठन्डे अणु निचे की ओर आ जाते है और वे उष्मा के संपर्क में आने से उष्मा युक्त हो कर गर्म हो जाते है यह क्रिया निरंतर चलने से सभी अणु उष्मा युक्त हो जाते है ।
विकिरण विधि :- बिना किसी माध्यम के उष्मा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता है उसे विकिरण विधि कहा जाता है ।
उदाहरण :- सूरज की किरणे जब धरती पर पड़ती है तब धरती गर्म होती है परन्तु बीच में मौजूद वातावरण पर उसका कोई असर होता ।