Pressure Testing क्या होता है
दोस्तों किसी भी सिस्टम जैसे की Frize , Air Conditioner में कूलिंग के लिए गैस डाला जाता है लेकिन कभी कभी कूलिंग नहीं बनता है गैस ख़तम हो जाता है या गैस लीक हो जाता है तो इस कंडीशन में उस सिस्टम का प्रेशर टेस्टिंग किया जाता है आज आप इस आर्टिकल में जानेंगे की Leakeg टेस्टिंग कैसे करते है लीकेज को कैसे ठीक करते है और लीकेज ठीक करते करते क्या क्या सावधानिया बरतनी चाहिए |
दबाव ( pressure ) – द्रव्य अथवा गैस के द्वारा प्रति इकाई छेत्रफल पर लगने वाला समान बल को दाब कहा जाता है इसकी इकाई kg / cm2 या PSI में होता है ।
गेज दाब – गैस अथवा द्रव्य के प्रेसर को मापने के लिए गेज का उपयोग किया जाता है यह प्रेसर वायुमण्डलीय प्रेसर से अधिक होता है रेफ्रिजरेशन सिस्टम में रेफ्रिजरेंट के प्रेसर को मापने के लिए गेज का उपयोग किया जाता है ।
प्रेशर के प्रकार – Type of Pressure
प्रेशर तीन प्रकार के होते है –
- Suction Pressure
- Discharge Pressure
- Standing Pressure
सक्शन प्रेशर ( SUCTION PRESSURE ) –
किसी भी सिस्टम में लो प्रेशर साइड मापा गया प्रेशर सक्शन प्रेशर कहलाता है इस अवस्था में कंप्रेसर चालू रहता है सभी सिस्टम में अलग अलग रेफ्रिजरेंट में अलग अलग सक्शन प्रेशर होगा|इसको मापने के लिए कम्पाउंड गेज का उपयोग किया जाता है|
डिस्चार्ज प्रेशर ( DISCHARGE PRESSURE ) –
जब कोई सिस्टम चालू हो उस समय डिस्चार्ज लाइन पे मापा गया रेफ्रिजरेंट का प्रेशर डिस्चार्ज प्रेशर कहलाता है डिस्चार्ज प्रेशर अलग अलग रेफ्रिजरेंट में डिस्चार्ज प्रेशर अलग अलग होता है |इसको मापने के लिए ब्रॉडेन गेज का उपयोग किया जाता है |
स्टेंडिंग प्रेशर ( STANDING PRESSURE ) –
किसी सिस्टम या सिलेंडर में रेफ्रिजरेंट का खुद का प्रेशर स्टैंडिंग प्रेशर कहलाता है , हर एक रेफ्रिजरेंट का प्रेशर अलग अलग होता है तापमान बढ़ने पर प्रेशर बढ़ता है और तापमान कम होने पर प्रेशर कम होता है इसे निष्क्रिय प्रेशर भी कहा जाता है |
Pressure Testing ( लीक पता करना ) – किसी सिस्टम के लीकेज होने की अवस्था में सिस्टम में प्रेशर डाल कर से लीकेज पता करना प्रेशर टेस्टिंग कहलाता है , प्रेशर टेस्टिंग नाइट्रोजन की सहायता से निम्न तरीको से करना चाहिए :-
Tools ( आवश्यक सामग्री ) – मैनिफोल्ड गेज ,चार्जिंग हौस , रैचीट , साबुन झाग , अर्जेस्टेबल स्पैनर, फ्लैरिंग टूल्स , ब्रिजिंग टॉर्च और ब्रिजिंग रॉड ,लाइटर , रिफ्लेक्टर , टूयूब कटर , नाइट्रोजन सिलेंडर , डबल वॉल्व |
Method ( विधी ) – सर्व प्रथम सिस्टम को बंद करेंगे जिस सिस्टम में लीकेज टेस्ट करना है NIRB या फ्लेयर नट लगाकर सिस्टम को गेज मैनिफोल्ड की सहायता से नाइट्रोजन की सिलेंडर को जोड़ेंगे ,ब्रॉडेन गेज को हाई प्रेशर साइड को सिस्टम से एवं प्रॉसेसिंग लाइन क को गेज मैनिफोल्ड से जोड़ा जाता है |
अब हम नाइट्रोजन के सिलेंडर की धीरे से खोलते हुए लगभग 250 PSI का प्रेशर सिस्टम में डालेंगे नाइट्रोजन के सिलेंडर के वाल्व को बंद करेंगे और झाग की सहायता से टूयूब में लीकेज पता करेंगे यदि बुलबुले आ रहे है तो उस जगह को मार्क कर लेंगे |
अब नाइट्रोजन के प्रेशर को सिलेंडर को बाहर कर देंगे ब्रिजिंग की मदद से लीकेज को बंद करेंगे पुनः सिस्टम में 250 PSI का नाइट्रोजन प्रेशर डालेंगे और इसे 24 घंटो के लिए छोड़ देंगे यदि प्रेशर स्थिर रहता है तो सिस्टम का लीकेज ठीक हो गया है अब सिस्टम वैक्यूम करके गैस चार्जिंग के लिए तैयार है|
Precautions ( सावधानिया ) – नाइट्रोजन गैस का प्रेशर बहुत ज्यादा (लगभग 2100 PSI ) होता है और कंप्रेसर इतना प्रेशर के लिए नहीं बना होता है अगर लीकेज के समय ठीक करते समय सावधानी ना बरते तो दुर्घटना के चांस होते है | नाइट्रोजन का प्रेशर 250 PSI से अधिक न डाले इसे दो अलग अलग वाल्व के द्वारा नियंत्रित करे |
प्रेशर डालें हुए सिस्टम को कभी भी सप्लाई न दे | ब्रिजिंग करना हो तो उस समय भी प्रेशर को निकाल के ब्रिजिंग करे | प्रेशर टेस्टिंग के प्रॉसेस में कम से कम 12 घंटे तक स्थिर रहना चाहिए |